जमानत नियम है और जेल अपवाद है
हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि कानूनी सिद्धांत "जमानत नियम है और जेल अपवाद है" (bail is the rule and jail is the exception) धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत दर्ज मामलों में भी लागू होगा। पीएमएलए मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आरोपी बनाए गए प्रेम प्रकाश को जमानत देते हुए न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने विजय मदनलाल चौधरी एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य मामले में 27 जुलाई 2022 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने कहा कि मदनलाल चौधरी फैसले में न्यायालय ने स्पष्ट रूप से माना था कि पीएमएलए की धारा 45 आरोपी को जमानत देने के अधिकार को प्रतिबंधित करती है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि धारा 45 के तहत दी गई शर्तें जमानत देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाती हैं। पीएमएलए की धारा 45 को लागू करते हुए कहा गया, “अनुच्छेद 21 एक उच्च संवैधानिक अधिकार है, इसलिए वैधानिक प्रावधानों को उक्त उच्च संवैधानिक आदेश के अनुरूप होना चाहिए।”