✓[यूएनईपी ने 27 अक्टूबर 2022 को उत्सर्जन गैप रिपोर्ट 2022 जारी की।]
- उत्सर्जन गैप रिपोर्ट 2022 के अनुसार, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए देशों द्वारा की गई मौजूदा प्रतिबद्धताएं अभी भी 2100 तक दुनिया को 2.4-2.6 डिग्री सेल्सियस गर्म कर देंगी। - तापमान में वृद्धि से चरम मौसम की घटनाओं की बारंबारता और तीव्रता में वृद्धि होगी। यहां तक कि 1.1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि भी कई अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस समझौते के तहत संशोधित एनडीसी 2030 तक अनुमानित ग्रीनहाउस उत्सर्जन में केवल 1% की कमी करेगा। • ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कटौती करनी होगी। • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में महत्वाकांक्षा की कमी के कारण पेरिस समझौते के तहत लक्ष्य और 2100 तक ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे सीमित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य चूक जाएगा। - रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे कम विकसित देश प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति 2.3 tCO2e उत्सर्जित करते हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि G20 देशों में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन बड़े पैमाने पर होता है। -रिपोर्ट में पाया गया कि बिजली आपूर्ति, उद्योग, परिवहन और निर्माण क्षेत्रों में सुधार से जलवायु आपदाओं से बचने में मदद मिलेगी।